ABOUT BOOK - ASHISH KACHHELA. publish print edition
NIFTY PREDICTION - 2018 (Volume - 1) on the base of Vedic Astrology. This is a complete solution for day trader who want to trade in NSE's NIFTY Future. This is the very first book, which is give you a clear picture what happen next and what to do next ?
In the previous 2016 application
we gave approximate 80 % good results.
■Used very simple language to understand.
■Advice for enter or exit in Nifty bank nifty future and sector..on daily & weekly monthly basis.
■Advice to all astro prediction all thoyri..wise.
AuthorJYOTISH acharya
Ashish kachhela
Publisherashish kachhela
FormatPaperback
No. of Pages149
Language : hindi... English
Price2000 INR in India
Distribution Start From15 DEC 2017
दोस्तों आज डौजोन्स नास्डेक्स ऊंचाई पे उचाई सर करते जा रहे हे। ऐसा क्या है जो इतना बड़ा कारण ज्योतिष की दृस्टि से देखने की कोशिश करेंगे यह केवल एक रिसर्च के के लिए हे। 17-5-2017 से 20-11-2017 तक लगातार दौजोंस ने उचाई प्राप्त की हे। यह पर एक बात तो तय है कि कोई छोटा मोटा ग्रहः योग नही है।एक पूरी साइकिल हे। जहा तक में देखता हूं 17 may को सूर्य यूरेनेश की युति के बाद यह प्रभाव सुरु हुवा हे
Nifty astro prediction August 29, 2017 01 September 2017 What is going to happen this week of this month of August? How will the market trends remain? Which day, which sector, which is good for? Which day is auspicious? Which day is inauspicious? It will try to see through astrology This Week J level will be something like this Berish Side 9807/9776 / 9765-9735 Bullish side 9903/9960/10010 Cnx Nifty Cash 9857 Closed last Friday (9857) market In the last week, there was a mixed effect in the Nipati. What is going on in the coming week, through astrology? On Monday 29-08-2017, the Vishakha Nakshatra in the market can be seen in good effect in the morning. But gradually the momentum of the pressure can be seen over time. You can get a good look till the afternoon. But at the last moment, little effect will be seen The level of 9826 9878 9849 can be seen. Mixed movements can be seen in the same bank nifty. Effective 24310 24350/24380 24406 24220 24130/24154 in negative effect Media point 24302 Can see the level of. The turnkey time of the market can be expected to be 13.45 pm. INFRA, POWER, OIL, STEEL, AND METALS On Tuesday 29-08-2017, being in the market Anuradha constellation can be seen under pressure with quality. But after seeing a good moment in the morning, negative effect can be seen on Tuesday. The level of 9800 9815 9785 can be expected. In the last hour, with the moon becoming Saturn, we can not see good movement in Nifty. The same bank can see the level of 24190 24267 24250 in Nifty Wednesday 30-08-2017. With the presence of Jyeshtha Nakshatra in the market, the effect of Buddha can be seen with positive effect. 9830 9890 9864 This level can be expected. The same bank Nifty can see the level of 24330 24350 24425. Thursday 31-08-2017 Ketu's influence will be seen as having the original constellation on this day, however, due to the absence of the condition of Guru Ketu, an environment of effectiveness can be seen. The level of 9780 9730 9680 can be seen in the market. The same bank can not see very good effect in the Nifty, the level of 24220 24102 can be seen. On Friday 01-09-2017, with the constellation of the Sunshine sun, Ayyashada will try to change the sentiment of the market. In the East Sashagra constellation i.e. that afternoon, the negative environment can be seen to see the level of 9790 9750 9720. It will be called turning time in the market. On this day, the effect of negativity in the market can be seen. Level 24140 24180 24200 can be seen in the same bank Nifty Here is the prediction given only on the assumption that no call or tips
Be cautious on 15th & 19rd May. 15 th may Sun in Vrishabha and bearish sankranti. 23rd Sun in Yuva avastha and this day might be the bearish time for this month.
Now day wise Astrological impact on Market
15th May:- Moon in Purvadasha ★ 9:15 am to 11:30 am = Bullish ; 11:30 am to 15:30 pm = volatile market with sideways to selling pressure
16th May :~ Moon in Uttardasha ★ 9:15 am to 12:30 pm = slight bullish with FMCG stocks ; 12:30 pm to 15:30 pm = volatile market hence be cautious
17th May :~ Moon in Shravana (its own nakshtra) ★ Nifty and Bank nifty very volatile with Good volume and may be under pressure ; From 2:30 pm onwards relief and market may become +ve
18th May :~ Moon in Shravana ★ 9:15 am to 9:25 am = Gap up opening expected ; 2:30 pm onwards sudden change expected as moon in dhanishtha comes in conjunction with Ketu at 12 degree and Market may become NEGATIVE
19th May:~ Moon in Dhanishtha ★ 9:15 to 10:50 am = market will be -ve ; 10:50 am onwards support of rahu will have bullish move in Auto and Pharma Sector
अर्ध मार्तण्ड।
कोनसा ग्रहःनक्षत्र क्या फल देता है शैर बजार में।
सूर्य: यह ब्रह्मांड का राजा ग्रह है। इसे स्टाॅक एक्सचेंज का कारक भी मानते हैं। जब कभी कोई ग्रह सूर्य के कारण अस्त ह ता है तो शेयर बाजार का रुख बदल जाता है। यदि बाजार तेजी की ओर चल रहा हो तो मंदी की ओर और यदि मंदी की ओर चल रहा हो तो तेजी की ओर चलने लगता है। अग्नि तत्व राशियों (1, 5, 9) तथा वायु तत्व राशियों (3, 7, 11) में सूर्य बाजार में तेजी लाता है। सूर्य पर जब अशुभ ग्रह मंगल, शनि और राहु का प्रभाव होता है, या वह शत्रु राशि में होता है तो बाजार का रुख तेजी की ओर होता है। इसलिए सूर्य संक्रांति की ग्रह स्थिति को देख कर ज्योतिषी महीने भर के लिए बाजार के रुख का पूर्वानुमान लगाते हैं। सूर्य का राशि में गोचर या दृष्टि उस राशि की कारक वस्तुओं में तेजी लाती है। सूर्य का राहु, केतु, हर्षल, नेप्च्यून, प्लूटो, शनि या मंगल के साथ संबंध बाजार के रुख में परिवर्तन लाता है। चंद्रमा: यह पृथ्वी के सबसे निकट तथा शीघ्रगामी ग्रह है। इसलिए इसका प्रभाव भी सबसे अधिक होता है। दैनिक तेजी/ मंदी का विचार चंद्रमा से किया जाता है। चंद्रमा का बल उसके पक्ष के अनुसार होता है। चंद्रमा शुक्ल पक्ष एकादशी से कृष्ण पक्ष पंचमी तक पूर्ण बली तथा शुभ रहता है। कृष्ण पक्ष षष्ठी से अमावस्या तक निर्बल होता जाता है तथा अशुभ कहलाता है। शुक्ल प्रतिपदा से वह बल प्राप्त करना आंरभ करता है और इस पक्ष की पंचमी से दशमी तक मध्यम बली कहलाता है। शुभ चंद्रमा मंदी कारक और अशुभ तेजी कारक होता है। अशुभ चंद्रमा का पाप ग्रहों से संबंध अधिक तेजी लाता है। चंद्रमा के शुक्ल पक्ष में प्रवेश की कुंडली बना कर तेजी/मंदी का अनुमान लगाया जाता है। अग्नि तत्व राशियां में चंद्रमा का गोचर तेजी का कारक होता है। पीड़ित, शत्रुराशिस्थ तथा पाप मध्य चंद्रमा तेजी कारक होता है। चंद्रमा का सर्वाधिक प्रभाव तरल पदार्थों पर होता है। भरणी, कृत्तिका, आद्र्रा, अश्लेषा तथा मघा नक्षत्रों पर उदय सर्वाधिक तेजी लाता है। मंगल: मंगल अग्नि तत्व ग्रह है, इसलिए तेजी कारक है। जब मंगल अग्नि तत्व या वायु तत्व राशियों में गोचर करता है तो तेजी लाता है। जल तत्व राशियों में अचानक तेजी या मंदी लाता है। उस पर अशुभ ग्रहों का प्रभाव तेजी लाता है। वह जब वक्री होता है तो तेजी लाता है। मार्गी तथा शुभ ग्रहों के प्रभाव में होने पर मंदी लाता है। यदि मंगल उच्च राशि मकर में वक्री हो तो अधिक तेजी लाता है और नीच राशि कर्क में वक्री हो तो अचानक तेजी या मंदी लाता है। बुध: बुध व्यापार, बुद्धि, वाणी और शेयर बाजार का कारक ग्रह है। इसमें तेजी और मंदी दोनों का फल मिलता है। यह शीघ्रगति ग्रह है तथा हमेशा अन्य ग्रहों का प्रभाव देता है। इसलिए शेयर बाजार की जानकारी के लिए बुध का अध्ययन करना अति आवश्यक है। बुध के वक्री होने पर तेजी आती है। यदि वक्री बुध पर अशुभ ग्रहों का प्रभाव हो तो तेजी अधिक होती है। उच्च का बुध वक्री होने पर मंदी कारक और नीच का वक्री होने पर तेजी कारक होता है। बुध के उदय होने पर शेयर बाजार में पहले तेजी फिर मंदी आती है। गुरु: यह एक नैसर्गिक शुभ ग्रह हैं, इसलिए मंदी कारक है। इसकी गति मंद होने के कारण यह एक वर्ष के लिए तेजी या मंदी लाता है। अशुभ प्रभाव में बृहस्पति तेजी का कारक बन जाता है। बृहस्पति के वक्री होने पर स्थायी मंदी आती है। सिंह राशि में वक्री होने पर यह तेजी कारक होता है। मित्र राशि, स्वराशि और उच्च राशि में स्थित हो तो लंबे समय तक मंदी लाता है। उच्च का गुरु वक्री होने पर यदि अशुभ प्रभाव में हो तो तेजी कारक अन्यथा मंदी कारक होता है। नीच का गुरु वक्री हो तो तेजी लाता है। शुक्र: शुक्र नैसर्गिक शुभ ग्रह है, इसलिए मंदी कारक है। भोग का कारक ग्रह होने के कारण जातक को शारीरिक सुख-सुविधा का भोग करवाता है अर्थात इसका शेयर बाजार पर विशेष प्रभाव नहीं देखा गया है। शुक्र किसी भी राशि में अकेला स्थित हो तो मंदी कारक होता है। बुध की राशियों मिथुन और कन्या में स्थित शुक्र तेजी लाता है। इसके वक्री होने पर सामान्यतः मंदी आती है। यह यदि मिथुन या कन्या राशि में वक्री हो तो तेजी आती है। वृष, सिंह, तुला या वृश्चिक राशि में शुक्र मार्गी हो तो तेजी आती है। शुक्र के अस्त होने पर बाजार में तेजी आती है। शनि: शनि नैसर्गिक पापी ग्रह है, इसलिए तेजी कारक है। शनि की गति मंद होने के कारण तेजी या मंदी अधिक समय तक रहती है। शनि का संबंध यदि सूर्य के साथ मेष राशि में हो तो मंदी कारक होता है। सिंह, कन्या, मकर और तुला राशियों में शनि का गोचर तेजी कारक होता है। शनि का वक्री होना तेजी कारक होता है। उच्च का शनि वक्री हो तो चित्रा नक्षत्र में तेजी कारक, स्वाति नक्षत्र में मंदी कारक तथा विशाखा नक्षत्र में पुनः तेजी कारक होता है। शनि का प्रभाव नक्षत्र स्वामी के अनुसार बदलता
शेयर बाजार और ज्योतिष शेयर बाजार का सीधा संबंध मंगल से है। किसी व्यक्ति विशेष की कुण्डली मेंं मंगल की सकारात्माक स्थिति उसे शेयर बाजार मेंं लाभ दिलाती है। बारह भावों मेंं से पांचवा भाव प्रारब्ध से जुड़ा होता है। पूर्व जन्मों के के कर्म हमें इस जन्म मेंं अनायास लाभ दिलाते हैं। पांचवें भाव या भावेश के साथ मंगल का संबंध होने पर हौंसला और भाग्य आपस मेंं जुड़ जाते हैं। इस तरह शेयर बाजार की उतार चढ़ाव के बीच द्वीप की तरह खड़ा व्यक्ति आसानी से तनाव को झेल जाता है और आशातीत धन कमाता है। किसी व्यक्ति की कुण्डली मेंं शेयर बाजार से पैसा कमाने का योग है अथवा नहींं यह देखने के लिए पहले उसके पांचवें भाव को देखने की आवश्यकता होती है। पांचवें भाव का किसी भी तरह से मंगल से संबंध बनाता हो तो समझ लीजिए कि शेयर बाजार का काम किया जा सकता है। इसके बाद आता है बाजार मेंं टिके रहने का योग। इसके लिए जरूरी है कि जातक का सूर्य भी मजबूत हो यानि सूर्य, लग्न, पांचवें या मंगल से अच्छी तरह संबंधित हो तो ऐसा व्यक्ति पूरे भरोसे के साथ अंत तक बाजार मेंं टिका रहता है। एक दिन मेंं कई बार सौदे करने वाले लोगों के लिए चंद्रमा को भी देखना पड़ता है। ऐसे लोगों का चंद्रमा बारहवें भाव से संबंध करे या तो पूरी तरह खराब हुआ होता है या फिर पांचवे भाव मेंं ही बैठकर स्पेनक्युटलेटिव माइंड देता है। चंद्रमा की खराब स्थिति मेंं व्यक्ति शेयर बाजार से कमाकर भी सुखी नहींं रह पाता है जबकि पांचवे भाव का चंद्रमा वाला व्यक्ति शेयर बाजार मेंं आसानी से कमाता है और जल्दी बाहर आ जाता है। बाजार मेंं कौन सी कंपनियां मंगल के अधीन हैं इस बात का कोई लेन देन शेयर बाजार और मंगल से नहींं है लेकिन जातक की कुण्डली मेंं मंगल का रोल अधिक महत्वपूर्ण है। शेयर बाजार के संबंध मेंं सबसे आम धारणा यही है कि यह एक अनिश्चित कार्य है यानि युद्ध का मैदान, कब कौन सी गोली किधर से आकर लग जाएगी कोई नहींं जानता। शेयर बाजार मेंं भी वहीं सबकुछ होता है जो कमोडिटी मार्केट मेंं होता है अन्तर इतना है कि कमोडिटी मेंं ट्रेडर के हाथ मेंं फिजिकल जैसा कुछ नहींं होता और शेयर बाजार मेंं डीमैटीरिएलाइज शेयर होते हैं। कमोडिटी मेंं एक दिन का घाटा कुछ हजार रुपए से कुछ सौ करोड़ रुपए तक हो सकता है लेकिन शेयर बाजार मेंं किसी एक व्यक्ति को इतना लाभ या घाटा नहींं होता। लेकिन नियम वही रहते हैं कि गोली कहीं से भी आ सकती है। तो कौन है जिसे शेयर बाजार मेंं उतरना चाहिए। चंद्रमा की स्थिति मजबूत हो, लग्नेश उच्च हो और मंगल से संबंध बनाता हो तो शेयर बाजार मेंं उतर जाना चाहिए। अगर यह कमजोर होता है तो शेयर बाजार की उतार चढ़ाव के साथ बहने लगता है। प्राय: मेंष, सिंह और तुला लग्न के लोग शेयर बाजार के धंधे के लिए उत्तम होते हैं अन्य लग्नों के लोग भी इसमें सफलता प्राप्ति कर सकते हैं जबकि लग्न का अधिपति अच्छी स्थिति मेंं बैठा हो। लग्न उत्तम होने पर आदमी स्पष्ट निर्णय कर पाता है और उस पर अडिग रह पाता है। लम्बी रेस के घोड़ों मेंं यह खासियत होती है कि वे जल्दी से घबराते नहींं है एक बार पिछड़ जाने पर अपने निर्णयों को बदलते नहींं है और रेस के अंत मेंं अधिक प्रयत्न कर जीत जाते हैं। उन्हें छोटे-छोटे झगड़ों मेंं जीता जा सकता है लेकिन युद्ध वे ही जीतेंगे। इसलिए लग्न बहुत बलशाली होना चाहिए। कोई भी लग्न बलशाली हो सकता है। बशर्ते उस पर किसी क्रूर ग्रह की नजर न पड़ रही हो। मंगल सेनापति है। पहले लडऩे के लिए जोश देता है और फिर डटे रहने के लिए बाद मेंं समय पर निकल जाने की बुद्धि भी। साभारpstripathi।