ऐ निफ़्टी तेरी हर चाल से वाकिफ़ हे हम
लो अब आ गया 2017 का साल
ए निफ़्टी क्या करेगी यहा कमाल
पहले आएगा जनवरी
मीन मकर वालो की हे बारी
उस पर जायेगी निफ़्टी वारी
सोच समझकर करो तैयारी
शुक्र बुद्ध की जब तक नही है यारी
कैसे बढ़ेगी आगे तेरी सवारी
मंगल केतु की जोड़ी हे अगारी
लगती है अब मेटल की बारी
दवाई वाले कहंगे सहेंगे
पिएंगे कड़वे घूंट बारी बारी
सदा आगे बढ़ती रहे इसी
उमीद में गुजारी उम्र सारी
कहते हे आशीष दाश सम्भल जा
ऐ मानवी अब यहां
नही चलेगी किसीकी होशियारी
आप सबसे जुडी हे मेरी दुवा
ईश्वर की गति हे न्यारी
सब को बचाएंगे मेरे चक्रधारी